रविवार, 26 जून 2011

लालच में आकर शिकारी को अपनी जान गंवानी पड़ी

 एक शिकारी रोज जंगल जाकर पशु - पक्षियों का शिकार करता था एक दिन उसे बहुत भटकने के बाद भी शिकार नहीं मिला थककर वह एक पेड़ के निचे बैठ गया पेड़ पर उसे चिड़िया बैठी दिखाई दी। उसने खुश होकर चिड़िया पर निशाना साधा तो चिड़िया बोली - भाई , मुझे मत मारो यदि तुम मुझे छोड़ दो तो मैं तुम्हे एक मोती दूंगी उसे बेचकर तुम मालामाल हो जाओगे शिकारी मान गया चिड़िया ने अपने घोसले में से मोती लाकर दे दिया शिकारी ने सोचा अगर चिड़िया एक मोती दे सकती है तो दूसरा भी उसके पास होगा यदि वह मुझे मिल जाये तो फिर ऐश से ज़िन्दगी बिताऊंगा उसने चिड़िया पर फिर निशाना साधा चिड़िया ने डरकर उसे एक मोती और दे दिया किंतु अब चिड़िया समझ गयी की शिकारी पर लोभ सवार हो गया है और उसके पास अब मोती भी नहीं हैं वह अपने मित्र मगर के पास गई और अपनी समस्या उसे बताई मगर बोला - अगली बार जब शिकारी आये तो उससे कहना मेरे पास बहुत से कीमती मोती हैं, जिन्हें मैंने नदी में छिपाकर कर रखा है तुम उन्हें नदी में से निकाल लो जब वह नदी में घुसे तो तुम चिं-चिं करना आगे मैं देख लूँगाजब लोभी शिकारी चिड़िया से मोती लेने आया तो चिड़िया ने मगर की समझाई बात उससे कही शिकारी खुश होकर नदी में उतरा चिड़िया ने चिं-चिं कर मगर को सूचना दी चौकस मगर ने शिकारी को अपना भोजन बना लिया वस्तुतः लोभ की अति दुष्परिणाम देती है इसलिए मन को नियंत्रण में रखना चाहिए

2 टिप्‍पणियां:

Maheshwari kaneri ने कहा…

सचिन जी बहुत समय बाद आज आप को देखा अच्छा लगा..खाँ चले गये थे आप..आप की नैतिक कहानियों का इंतजार रहेगा.....धन्यवाद

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

लालच बुरी बला.................

अच्छा लगा कहानी पढ़ कर......
सादर
अनु